वो सिर्फ मेरी थी, लेकिन सिर्फ मेरे सामने

106

हम रिश्ते कम बनाते है मगर दिल से निभाते है

168

बहुत करीब आकर बताया उसने कि तुम्हारा नहीं हूं मैं....

239

याद करोगे एक दिन मुझे ये सोच कर की क्यों नहीं कदर की मैंने उसके प्यार की

243

पता है तकलीफ क्या है किसी को चाहना फिर उसे खो देना और खामोश हो जाना

235

कभी मौका मिले तो सोचना ज़रूर कि एक लापरवाह शख़्स तेरी इतनी परवाह क्यूं करता है

269

हमने तो एक ही शख्स पर चाहत खत्म कर दी अब मोहब्बत किसे कहते हैं हमे मालूम नहीं

175

हमे नहीं आता दर्द का दिखावा करना बस अकेले रोते हैं और सो जाते हैं

163

जब तेरी याद आती है ना आँखे तोह मान जाती है पर यह कम्बख्त दिल रो पड़ता है

121

हमारा उसका अब रिश्ता न पूछो तालुक तो है मगर टुटा हुआ है

164

समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से, अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर इनकी ज़रूरत पड़ेगी

286

खुश हो ना हमारा प्यार अधूरा रह गया.. पर तेरा टाइमपास पूरा हो गया ..

864

जिस दिल में तेरा नाम बसा था हमने वो दिल तोड़ दिया ना होने दिया बदनाम तुझे तेरा नाम ही लेना छोड़ दिया

491

शक करना गलत था पर शक बिलकुल सही था

838

वो जो कल रात चैन से सोया हैं , उसको खबर भी नहीं कोई उसके लिए कितने रोया हैं..

318

आवाज़ नहीं होती दिल टूटने की. लेकिन तकलीफ बहुत होती हैं.

196

मत करो उसके मैसेज का इन्तजार जो ऑनलाइन तो है पर किसी और के लिया..

543

लोग कहते हैं समझो तो खामोशियाँ भी बोलती हैं , मैं अर्सों से खामोश हूँ वो बरसों से बेखबर है

162

मिल सके आसानी से उसकी खवाहिश किसे है , ज़िद्द तो उसकी है जो मुक्कदर में लिखा ही नहीं है

142

अगर किसी दिन तुम्हें रोना आए तो कॉल जरूर कर लेना, हंसाने की गारंटी तो नहीं लेता पर तेरे साथ जरूर रहूंगा

241

क्या इतने दूर निकल आये हैं हम, कि तेरे ख्यालों में भी नही आते ?

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नहीं मिलेगा तुझे कोई हम सा, जा इजाजत है ज़माना आजमा ले !!

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कोई भी रिश्ता अधूरा नहीं होता , बस निभाने की चाहत दोनों तरफ होनी चाहिए।

1 K

चाह कर भी उनका हाल नहीं पूछ सकते डर है कहीं कह ना दे कि ये हक्क तुम्हे किसने दिया

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जो बीत गया सो बीत गया…आने वाला सुनहरा कल है वो…..मैं कैसे भुला दूँ दिल से उसे… मेरी हर मुश्किल का हल है वो

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एक खूबसूरत सा रिश्ता यूँ खतम हो गया..हम दोस्ती निभाते रहे…..और उसे इश्क हो गया

492

क्या खूब मजबूरियां थी मेरी भी अपनी ख़ुशी को छोड़ दिया ” उसे ” खुश देखने के लिए

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मुझे फरक नहीं पड़ता,,,,अब क़समें खाओ या जहर..!!

900

अब अगर तुम जाने ही लगे हो तो पलट कर मत देखना, *क्योकि मौत की सजा लिखने के बाद कलम तोड़ दी जाती है*

776

बेवजह इंतज़ार

660

ए खुदा अगर तेरे पेन की श्याही खत्म है..तो मेरा लहू लेले....यू कहानिया अधूरी न लिखा कर।

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ना चाँद अपना था और ना तू अपना था ...!! काश दिल भी मान लेता की सब सपना था

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