खुदा करे वही बात उसके दिल में हो, जो बात करने की हिम्मत जुटा रहा हूँ मैं.

13

जिसे सोचकर ही चेहरे पर ख़ुशी आ जाए वो खूबसूरत एहसास हो तुम.

27

मुझे आज भी याद है तुम्हारा वो मुझसे पहली बार बात करना |

21

नहीं करता मैं तेरा जिक्र किसी तीसरे से, तेरे बारे में बात सिर्फ खुदा से होती है.

16

किसी और कि तारीफ क्या करना जब मेरा हमसफ़र ही लाजवाब है |

49

अगर मैं लहर बनूं, तुम किनारा बनना अगर मैं बहक जाऊं तो तुम सहारा बनना |

22

मैं ख़ुशी तलाश कर रहा था और मुझे तुम मिल गए |

47

रूठना हुस्न का हक है मनाना आशिक की इबादत |

25

इश्क ना सही फिकर है तू ना सही तेरा ज़िकर है |

18

प्यार पहला हो या दूसरा फर्क नहीं पड़ता बस प्यार सच्चा होना चाहिए |

28

कुछ साथ यकीन दिलाते हैं की प्रेम वाकई खूबसूरत है |

13

लोग शक्ल की बात करते हैं, मुझे तो तेरी आवाज से भी प्यार है |

26

इश्क़ होना था हो गया, अब किसी दूसरे का हो जाना, मुमकिन नहीं है..!

10

मै ज़िंदगी गिरवी रख दुंगा, तु सीर्फ कीमत बता मुस्कुराने की.

26

मुझसे नफरत ही करनी है तो इरादे मजबूत रखना, जरा से भी चुके तो महोब्बत हो जायेगी.

21

तुम किताब-ए-इश्क़ तो बनो, पन्नो पर मोहब्बत हम भर देंगे.!

39

सुकून क्या है हम नहीं जानते, शायद ये वो है जो आपको याद कर के मिलता है.!

46

सुनो, अपनी हद में रहो, बेहद याद आने लगे हो तुम.!

39

सच्चे रिश्ते कुछ नहीं मांगते, सिवाय वक़्त और इज्ज़त के |

43

हम दोनों एक ही किताब में रहेंगें, तुम गुलाब के जैसे, मैं खुशबू की तरह.

19

सफर बहुत कठिनाई से भरा था, तुमने हाथ थामा और खूबसूरत हो गया.!

20

कहा ना,सुकून मिलता है जब-जब तुम्हें सोचते हैं

24

नाम तेरा ऐसे लिख चुके है अपने वजूद पर, कि तेरे नाम का भी कोई मिल जाए….तो भी दिल धड़क जाता है.”

38

“तुम मेरी ज़िंदगी की वो ख़ुसी हो जिसे मैने अपनी हर दुआ मे मागा है”

49

इजाजत हो तो मैं भी तुम्हारे पास आ जाऊँ, देखों ना चाँद के पास भी तो एक सितारा है…

31

मैंने जब भी रब से गुजारिश की है, तेरे चहेरे पे हँसी की सिफारिश की है…

16

गलत सुना था कि मोहब्बत आँखों से होती है, दिल तो वो भी चुरा लेते है जो पलकें नहीं उठाते है.

34

उसने पूछा क्या पसंद है, तुम्हें ? में बहुत देर तक उसे देखता रहा..

24

ज़रूरी नहीं हर गिफ्ट कोई चीज़ ही हो, प्यार, केयर, रेस्पेक्ट भी अच्छा गिफ्ट ही है |

28

तेरी मोहब्बत की हिफाज़त कुछ इस तरह की हमने, जब देखा किसी ने प्यार से नज़रें झुका ली हमने.

28

हमतो फ़ना हो गया उनकी आँखें देखकर ग़ालिब, ना जाने वो आईना कैसे देखते होंगे.

6

मेरी रूह में समाई है तेरी खुसबु, लोग कहते है तेरा इत्र लाजवाब है.

12