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मोहब्बत को इश्क और इश्क को जब जुनून मिला, लूटा कर अब कुछ मुझे तब जा कर सुकून मिला |
अकेला रहना एक सीमित समय तक ही तकलीफ देता है, उसके बाद तो इसका भयानक नशा होता है
तोड़कर जोड़ लो चाहे हर चीज दुनिया की सब कुछ काबिले मरम्मत है। एतबार के सिवा ।
बेशक तू बदल ले अपने आपको लेकिन ये याद रखना, तेरे हर झूठ को सच मेरे सिवा कोई नही समझ सकता....
समझ जाते वो अगर हमारी चाहत को तो हम उनसे नहीं वो हमसे मोहब्बत करते |
किस बात की सज़ा दे रहे हों, तुमसे प्यार किया इसलिए या तुमसे ज्यादा किया इसलिए..।
दिल साफ रखो हिसाब, कमाई का नहीं कर्मों का होगा।
कितने ही रंगों से क्यों ना रंग जाऊं मैं, जिंदगी बेरंग सी लगती है तेरे रंग में रंगे बिना।
पिचकारी की धार, गुलाल की बौछार अपनों का प्यार, यही है यारों होली का त्यौहार
आँसू आए तो खुद पोंछना, लोग पोचेंगे तो सौदा करेंगे.
ए खुदा एक शक्स ऐसा भी देना ,, जो मेरी मुस्कुराहट में छिपा गम ढूंढ़ सके ।
जाने वालों ने सिखाया, की आने वालों को औकात में रखना ।
खूबसूरत सा वो पल था ,, पर क्या करें वो कल था ।
लोगों ने मुझ में इतनी कमियां निकाल दी कि, खूबियों के सिवाय अब मुझ में कुछ बचा ही नहीं..!!
मैंने गिर के देखा है, "ए खुदा" तेरे सिवाह कोई नहीं उठाता..!!
अकेले ही तय करने होते है कुछ सफर, जिंदगी के हर सफर में हमसफ़र नहीं होते!
चेहरे की हकीकत ये दुनियाँ कहाँ जानती है, कल रात में परेशान था ये बात सिर्फ माँ जानती है...!!
राम से बड़ा कोई सत्य नही और हनुमान से बड़ा कोई भक्त नही ।
बोलने के टाइम खामोशी खा गई वरना, बाते तो हम भी कमाल की करते थे...
जरूरत हो तो याद करलिया करो तुम्हारी तरह हम किसी को खाली हाथ नही भेजते...
फासले तो बढ़ा रहे हो मगर ये याद रखना, मोहब्बत बार बार मेहरबान नहीं होती है...
किस्मत का नही' सब "मेहनत" का खेल है!
दोस्ती तो बचपन में हुआ करती थी, अब तो लोग बराबरी करते हैं.
इश्क करना नहीं आता तो इसका नकाब लिए क्यों बैठे हो झूठी बातों के सहारे झूठी किताब लिए क्यों बैठे हो |
ऐसे जियो की अपने माँ बाप को पसंद आ सको, दुनिया की पसंद तो पल भर में बदल जाती है.
आदत थी हर किसी को अपना बनाने की साहब पर हर कोई अपना नहीं होता.
दिल बड़ा होना चाहिए साहब! बातें तो सब बड़ी बड़ी करते हैं.!!
इज्जत और तारीफ, मांगी नहीं जाती कमाई जाती है |
दिल के रिश्ते किस्मत से बनते है, वरना मुलाक़ात तो रोज हजारो से होती है |
जा रहा था अपने सफ़र में सोचा रुक के पता ही पूछ लूं, आज - कल हमारी उनसे बात नहीं होती, सोचा उनकी गली जाकर अपनी खता ही पूछ लूं .
हम जैसे भी है अच्छे है कम से कम औकात से ज्यादा दिखावा तो नही करते..!
किसिके बुरे वक्त पर हसने की गलती मत करना ये वक्त चेहरे याद रखता है...!