ईशक का ईलम सिखने गया था और लोगों के चेहरे पढ़ना सिख कर लौटा हूं

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माना मौसम भी बदलते है मगर धीरे धीरे, तेरे बदलने की रफ़्तार से तो हवाए भी हैरान है !!

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अपनी कमजोरी का जिक्र कभी ना करना,क्यूंकि लोग कटी पतंग को जमके लूटते है !!

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वो जो कभी शायरी से बचते थे शायरी करने लगे

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थमती नहीं ज़िन्दगी कभी किसी के बिना... लेकिन गुजरती भी नहीं आसानी से..!!

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💓 माना की वक़्त, सता रहा है...मगर कैसे जीना है, वो भी तो बता रहा है.💓

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जिन्दगी के मोड़ पर कभी कभी अपने पराए और पराए अपने लगते है

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किसी की आदत होना,प्यार होने से भी ज्यादा खतरनाक है

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माना इतने बेहतरीन नही है हम, लेकिन बात बात पर रंग बदले इतने भी रंगीन नही है हम......

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कदर करना सीख लो.. ना जिंदगी वापस आती है... ना जिंदगी में आये हुये लोग...

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अच्छे सभी होते हैं...बस पहचान बुरे वक़्त में होती है..

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गुज़रते दिनों का नही, " बल्कि.. " यादगार लम्हों का नाम है, जिंदगी.!!

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कभी तुम पूछ लेना कभी हम भी ज़िक्र कर लेगें , छुपाकर दिल के दर्द को एक दूसरे की फ़िक्र कर लेंगे..

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उस मोड़ से शुरू करनी है फिर से जिंदगी जहा सारा शहर अपना था और तुम अजनबी

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गुस्से में जो छोड़ जाए वो वापस आ सकता है मुस्कुरा कर छोड़ जाने वाला कभी वापस नहीं आता।

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ऐसे ही नहीं "बन" जाते, "गैरों" से इतने गहरे "रिश्ते", कुछ "खालीपन" तो, "अपनों" ने ही "दिया" होगा....

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बता किस से करूं तेरी बेरूखी का शिकवा , मेरे शहर में हर शख्स तुझे मेरा समझता है..

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किसी को फासला चाहिए तो दे दीजिए.... यहाँ हर किसी को खुश रहने का हक है...

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न पाने की इच्छा न खोने का गम इश्क नहीं अब इबादत करेंगे हम

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खाली पनो कि तरह दिन पलटते जा रहे हैं खबर नहीं के ये आ रहे है या जा रहे हैं

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ठोकर खाया हुआ दिल है साहब भीड़ से ज्यादा तन्हाई अच्छी लगती है

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कौन कहता है रिश्ते नही बदलते वक़्त के साथ , बचपन में जो चाँद मामा हुआ करता था जवानी में वही महबूब हो जाता है साहब

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छोड़ कर जाने वालों ने इतना जरूर सीखा दिया की आने वालो पर भरोसा ज़रा सोच समझ कर करना

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कहने को तो बहुत कुछ बाक़ी है मगर तेरे लिए मेरी ख़ामोशी ही काफ़ी है

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कभी कभी इंसान ना टूटता है ना बिखरता है , बस हार जाता है . कभी खुद से , कभी किस्मत से , तो कभी अपनों से

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हर वक़्त मिलती रहती है मुझे अंजानी सी सज़ा , मैं कैसे पूछू तकदीर से मेरा कसूर क्या है

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दर्द दो तरह के होते हैं , एक आपको तकलीफ देते हैं एक आपको बदल देते हैं

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ज़िंदगी इतनी मुश्किल इसलिए है क्योकि लोग आसानी से मिली हुई चीज़ो की कदर करना नहीं जानते

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कुछ रिशते ऐसे होते हैं..जिनको जोड़ते जोड़ते इन्सान खुद टूट जाता है।

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समय के साथ बदलने का हुनर तो हर कोई रखता है मज़ा तो तब आए जब वक़्त बदल जाए और इंसान ना बदले

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कर्म वो फसल है जिसे इंसान को हर हाल में काटना ही पड़ता है इसलिए हमेशा अच्छे बीज बोये ताकि फसल अच्छी हो

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मेहनत करने से दिमाग और सच बोलने से दिल साफ रहता है

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