तुम ठहर नहीं सकते... जानती हूँ.... मगर.. मैं तो तुम्हारे साथ... चल सकती हूँ ना

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खुद से होती है जाने शिकायतें कितनी.....जिन्हें किसी से.... कोई शिकायत नहीं होती

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कौन करता है यहाँ प्यार निभाने के लिये, दिल तो बस एक खिलौना है जमाने के लिये

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दिल को कागज समझ रखा है क्या.. आते हो,जलाते हो,चले जाते हो

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हमे देखकर..अनदेखा कर दिया उसने, बंद आंखों से पहचानने का,कभी दावा किया था जिसने

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शक तो था मोहब्बत में नुक़सान होगा, पर सारा हमारा ही होगा ये मालूम न था

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हमे पता है की तुम कहीं और के मुसाफिर हो, हमारा शहर तो यूँ ही बिच में आया था

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गुज़रे है आज इश्‍क के उस मुकाम से , नफरत सी हो गयी है मोहब्बत के नाम से ।

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💗 जिनके दिल बहुत अच्छे होते हैं 💗 💔 अक्सर उन्हीं की किस्मत खराब होती है 💔

3 K

तुम मोहबत भी मौसम की तरह निभाते हो , कभी बरसते हो कभी एक बूंद को तरसाते हो

90

मेरे मरने पर तो लाखो रोने वाले है , तलाश उसकी है जो मेरे रोने से मर जाए

223

ना मुलाक़ात याद रखना, ना पता याद रखना, बस इतनी सी आरज़ू है, मेरा नाम याद रखना.

118

वो जो हमसे नफरत करते हैं, हम तो आज भी सिर्फ उन पर मरते हैं,

120

दिल भी एक जिद पर अड़ा है किसी बच्चे की तरह, या तो सब कुछ ही चाहिए या कुछ भी नही

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दिल भी एक जिद पर अड़ा है किसी बच्चे की तरह, या तो सब कुछ ही चाहिए या कुछ भी नही

142

उन्हें नफरत हुयी सारे जहाँ से , अब नयी दुनिया लाये कहाँ से

39

झुठ बोलकर तो मैं भी दरिया पार कर जाता, मगर डूबो दिया मुझे सच बोलने की आदत ने

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रोता देखकर वो ये कह के चल दिए कि, रोता तो हर कोई है क्या हम सब के हो जाएँ

112

मुझको धुंड लेता है रोज किसी बहानोंसे दर्द हो गया है वाक़िफ़ मेरे ठीकानोंसे

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पास आकर सभी दूर चले जाते हैं, हम अकेले थे अकेले ही रह जाते हैं, दिल का दर्द किसे दिखाएं, मरहम लगाने वाले ही जख्म दे जाते हैं |

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उसे गजब का शौंक है हरियाली का, रोज आकर जख्मों को हरा कर जाती है

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मोहब्बत क्या है चलो दो लफ्ज़ो में बताते है तेरा मजबूर कर देना मेरा मजबूर हो जाना

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सोचते है, अब हम भी सीख ले यारों बेरुखी करना..सबको मोहब्बत देते-देते, हमने अपनी कदर खो दी है

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“वो रोए तो बहुत, पर मुझसे मूह मोड़ कर रोए, कोई मजबूरी होगी तो दिल तोड़ कर रोए,

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पलकों में आँसु और दिल में दर्द सोया है, हँसने वालो को क्या पता, रोने वाला किस कदर रोया है,

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बहुत देर करदी तुमने मेरी धड़कन महसूस करने मे ..! वोह दिल निलाम हो गया, जिस पर कभी हकुमत तुम्हरी थी !

98

क्या इतने दूर निकल आये हैं हम, कि तेरे ख्यालों में भी नही आते ?

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जिनके दिल बहोत अच्छे होते हैं, अकसर किस्मत उनकी ही खराब होती है.

60

साथी तो मुझे अपने सुख के लिए चाहिए दुखों के लिए तो मैं अकेला काफी हूँ !!

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बड़े अजीब से इस दुनिया के मेले हैं, यूँ तो दिखती भीड़ है, पर फिर भी सब अकेले हैं

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मेरी किस्मत में तो कुछ यूँ लिखा है, किसी ने वक्त गुज़ारने के लिए अपना बनाया, तो किसी ने अपना बनाकर वक्त गुजार लिया

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वो रो रो कर कहती रही, मुझे नफरत है तुमसे, मगर एक सवाल आज भी परेशान किये हुए है की अगर इतनी नफरत ही थी तो, वो रोई क्यों

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