चलो अब जाने भी दो....क्या करोगे दास्तां सुनकर,,, ख़ामोशी तुम समझोगे नही....और बयां हमसे होगा नही

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मेरी हर आह को वाह मिली है यहाँ..... कौन कहता है दर्द बिकता नहीं है

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डूबे हुओं को हमने बिठाया था अपनी कश्ती में यारो..... और फिर कश्ती का बोझ कहकर, हमे ही उतारा गया

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ये पतंग भी बिल्कुल तुम्हारी तरह निकली जरा सी हवा क्या लग गई हवा में उडने लगी

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दर्द सहने की कुछ यु आदत सी हो गई है.... की अब दर्द न मिले तो दर्द सा होता है

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सुना है आज उस की आँखों मे आसु आ गये, वो बच्चो को सिखा रही थी की मोहब्बत ऐसे लिखते है

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उम्र कैद की तरह होते हे कुछ रिश्ते ,, जहा जमानत देकर भी रिहाई मुमकिन नही

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मेरे दिल से खेल तो रहे हो तुम पर...... जरा सम्भल के...... ये थोडा टूटा हुआ है कहीं तुम्हे ही लग ना जाए

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नमक की तरह हो गयी है जिंदगी, लोग स्वादानुसार इस्तेमाल कर लेते हैं

133

"आँखों से हाल पूछा दिल का, एक बूंद टपक पड़ी लहू की..."

32

"जिंदगी मै सिर्फ़ दो ही नशा करना, जीने के लिए यार और मरने के लीये प्यार"

80

"हमने ‪‎दिल‬ वापस ‪‎मांगा‬ तो वो सर झुका कर ‪बोली‬, वो तो ‪टूट‬ गया ‪‎खेलते‬ खेलते.."

43

"कभी फुर्सत मिले तो सोचना जरूर एक लापरवाह लड़का क्यों तेरी परवाह करता था."

390

"तुने तो कहा था, हर शाम गुज़रेगी तेरे साथ। तू बदल गई, या तेरे शहर मेँ शाम नहीँ होती।"

33

"मेरी आँखों की नमी ना जान पाया वो शख्स, एक अरसे तक जो इन आँखों में ही रहा था...!"

50

काश कि वो लौट आयें मुझसे यह कहने, कि तुम कौन होते हो मुझसे बिछड़ने वाले..!!!

96

कुछ अलग सा है अपनी मौहबत का हाल... तेरी चुपी और मेरा सवाल ....!!!!

32

अगर तुम्हें यकीं नहीं, तो कहने को कुछ नहीं मेरे पास, अगर तुम्हें यकीं है, तो मुझे कुछ कहने की जरूरत नही !

42

होने वाले ख़ुद ही अपने हो जाते हैं.. किसी को कहकर, अपना बनाया नही जाता..!!

69

कुछ दूर हमारे साथ चलो, हम दिल की कहानी कह देंगे, समझे ना जिसे तुम आखो से, वो बात जुबानी कह देंगे ।

23

कुछ लोग आए थे मेरा दुख बाँटने मैं जब खुश हुआ तो खफा होकर चल दिये

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जो मेरे बुरे वक्त में मेरे साथ है मे उन्हें वादा करती हूँ मेरा अच्छा वक्त सिर्फ उनके लिए होगा

54

नफरत ना करना पगली हमे बुरा लगेगा. . . बस प्यार से कह देना अब तेरी जरुरत नही है. .

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वहां तक तो साथ चलो जहाँ तक साथ मुमकिन है, जहाँ हालात बदलेंगे वहां तुम भी बदल जाना.

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किसी को क्या बताये की कितने मजबूर है हम.. चाहा था सिर्फ एक तुमको और अब तुम से ही दूर है हम।

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हद से बढ़ जाये तालुक तो गम मिलते हैं.. हम इसी वास्ते अब हर शख्स से कम मिलते हँ..

34

नए लोग से आज कुछ तो सीखा हे, पहले अपने जैसा बनाते हे फिर अकेला छोड़ देते है...

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अजीब दस्तूर है, मोहब्बत का,रूठ कोई जाता है, टूट कोई जाता है

39

एक खेल रत्न उसको भी दे दो ,बड़ा अच्छा खेलती है वो दिल से

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युं ही हम दिल को साफ़ रखा करते थे…पता नही था की, ‘किमत चेहरों की होती है’ !

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सिर्फ तूने ही कभी मुझको अपना न समझा ,जमाना तो आज भी मुझे तेरा दीवाना कहता है

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शर्मिंदा करते हो रोज, हाल हमारा पूँछ कर ,हाल हमारा वही है जो तुमने बना रखा है…

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