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एक फ़क़ीर ने कहा था चिंता ना कर वो भी रोएगा जो आज तुझे रुला रहा है
मैंने दोस्ती माँगी थी वो इश्क़ देकर बर्बाद कर गया
खुदा जाने कोनसा गुनाह कर बैठे हैं हम कि तम्मनाओं वाली उम्र में तजुर्बे मिल रहे हैं
सच कहूँ आज पहली दफा लगा की दूरियाँ बड़ी ज़ालिम हैं
उस हस्ती तस्वीर को क्या मालूम , उसे देखकर कितना रोया जाता है
चलो खामोशियों की गिरफत में चलते हैं , बातें ज़्यादा हुई तो जज़्बात खुल जाएंगे
कभी कभी हम गलत नहीं होते , बस वो शब्द ही नहीं होते जो हमें सही साबित कर सके
तुम जो साथ हो तो दुनिया अपनी सी लगती है वरना सीने में सांस भी पराई लगती है
लिखूं तो कुछ ऐसा जिसे पढ़ वह रोए भी ना और रात भर सोए भी ना
चेहरा तो मिल जाएगा हम से भी खूबसूरत पर बात दिल की आएगी ना हार जाओगे
जवाब तो हर बात का दिया जा सकता है , मगर जो रिश्तो की अहमियत ना समझ पाया वह शब्दों को क्या समझेगा
उदास कर देती है.. हर रोज ये शाम..ऐसा लगता है जैसे भूल रहा है कोई.. धीरे- धीरे..
गुज़र गया आज का दिन भी पहले की तरह ना हमे फुरसत मिली ना उन्हे ख्याल आया .
कीमत दोनों की चुकानी पड़ती है बोलने की भी और चुप रहने की भी....
हजारो मे मुझे सिर्फ एक वो सख्स चाहिए जो मेरी गैर मौजूदगी मे मेरी बुराई न सुन सके
एक दिन हम सब एक दूसरे को सिर्फ यह सोचकर खो देगे की वो मुझे याद नहीं करता तो मे क्यों करू .
सब अपने से लगते है , लेकिन सिर्फ बातों से ..!
बात वफाओं की होती तो कभी न हारते, बात नीसब की थी, कुछ ना कर सके |
अजीब तरह से गुजर रही है ज़िंदगी .. सोचा कुछ, किया कुछ हुआ कुछ, मिला कुछ ..
मेरी जेब मे जरा सा छेद क्या हो गया , सिक्को से ज्यादा तो रिश्ते गिर गए .
मेरे मरने पर तो रोने वाले बहुत हैं तलाश उसकी है जो मेरे रोने से मर जाए
हमने भी एक ऐसे इंसान को चाहा, जिसे भूलना हमारे बस में नहीं और पाना किस्मत में नहीं.
कुछ अजीब सा रिश्ता है उसके और मेरे दरमियां, ना नफरत की वजह मिल रही है ना मोहब्बत का सिला.
कोई हमारा भी था, कल की ही बात है.
थक सा गया है मेरी चाहतों का वजूद, अब कोई अच्छा भी लगे तो इजहार नहीं करता.
सारी दुनिया के रुठ जाने से मुझे कोई दुख नहीं, बस एक तेरा खामोश रहना मुझे तकलीफ देता है.
तुम बदले तो हम भी कहां पुराने से रहे, तुम आने से रहे तो हम भी बुलाने से रहे.
चेहरे तो मिल जाएगी हमसे भी खूबसूरत, पर जब बात दिल की होगी ना तब तुम हार जाओगे.
जब दर्द सहने की आदत हो जाती है ना , तोह असू आना खुद ही बंद हो जाते है |
तुमसे दिल लगा कर देख लिया अब और क्या देखने को बाक़ी है |
रिश्ते वो होते हैं जिसमे शब्द कम और समझ ज्यादा हो......
कुछ चुप रहती हूँ, कुछ बोलती हूँ, कुछ रिश्ते मेरे इसी से संभले हुए हैं ......