अजीब खेल है ये मोहब्बत का किसी को हम न मिले कोई हमें ना मिला |

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बड़ा ही रंगीन रहा ये साल हर किसी ने अपना रंग दिखाया.

29

अगर मेरे चले जाने से तू खुश है, तो तुझे तेरी ख़ुशी मुबारक.

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कोई हम सा मिले तो बताना, हम खुद आएंगे उसे सलाम करने.

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हमें देखकर जब उन्होंने मुंह मोड़ लिया, एक तसल्ली हो गई चलो पहचानते तो हैं |

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लगता है अब तो खुद से मिलना पड़ेगा, लोगों से सुना है बड़े दिलचस्प है हम.

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नए गुन्हा किए पुराने छुपाने के लिए, हमने इश्क कर लिया इश्क भुलाने के लिए.

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माँ के बिना घर सुना और बाप के बगैर ज़िंदगी |

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इतना साफ़ मत रख अपने दामन को, लोग अगर गंगा समझ बैठे तो गंदा कर देंगे.

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तुम ही आ कर थाम लो मुझे औरों ने तो छोड़ दिया तुम्हारा समझ कर |

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रोना उनके लिए जो तुम पर निशार हो, उनके लिए क्या रोना जिनके आशिक हजार हो |

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है मतलबी जमाना नफरतों का कहर है, ये दुनियाँ दिखाती शहद है पिलाती जहर है.

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चलो एक बार फिर से शुरू करते है मोहब्बत, क्या पता नतीजा हमारे हक़ में आये.

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बात करूं तो बहस चुप रहूं तो गुरूर ऐसी है जिंदगी आजकल |

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कीमत खुद की गिर जाती है, किसी को किमती बनाने की चाह में |

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हर जिद पूरी की है मेरी वो मां-बाप भी किसी खुदा से कम नहीं |

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मुझे दोस्ती में भी कोई तीसरा बर्दाश्त नहीं और तुम मोहब्बत की बात करते हो |

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कुछ रिश्ते भगवान खराब करते हैं, ताकि हमारी जिंदगी खराब ना हो |

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उस इंसान का साथ कभी मत छोड़ना, जिसका दिल उसके चेहरे से ज्यादा खूबसूरत हो.

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मैं अगर तुझे हार भी गया, तो तुम्हें जितने वालों से ज्यादा खुश मिलूंगा..!!

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बुरा वक्त तकलीफ नहीं देता बुरे वक्त में मुँह मोड़ने वाले तकलीफ देते हैं |

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शरीफ सिर्फ वो होते हैं मेरी जान, जिनके कारनामें पकड़े नहीं जाते.

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ना जाने कितनी कहानियां होगी उसके पास, वो शख्स जो किसी से बात नहीं कहता |

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तेरी खामोशी अगर तेरी मजबूरी है, तो रहने दे मेरी जान इश्क कौन सा जरूरी है |

11

वो इतनी दूर रहने वाला शख्स, टकराया भी तो सीधा दिल से.

9

तुम फरमाइश तो करो, हम सुनेंगे जरूर, भले ख्वाहिश पूरा ना कर सके, लेकिन कोशिश करेंगे जरूर.

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सब बदल गए अब अपना भी हक बनता है |

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जरूर थोड़ा इश्क मिलाया होगा उसने, वरना खाली जहर से हम कहाँ मरते.

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अगली बार जब मिलो तो हाथ ना मिलाना क्योंकि तुम थाम नहीं पाओगे और मैं छोड़ नहीं पाऊंगा |

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कभी आरजू थी की हर कोई जाने मुझे आज ये तलब है की गुमनाम ही रहूँ मैं

8

हर दरबार में जा कर मांगा है तुम्हें, हलवा मिल जाता है, तुम नहीं..

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जख्म हजारों होंगे तो भी चलेंगे बस मेरी माँ का हाथ सर पर चाहिए |

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