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मुस्कुराना तो सीखना पड़ता हैं, रोना तो लोग सीखा देते हैं..
हम नादान ही अच्छे हैं दुनिया के समझदार लोगों से , हम अपने ख़्वाब जरूर तोडते हैं पर किसी का दिल नही
कोई भी सफर कभी खत्म नही होता या तो रास्ता बदल जाता है या फिर वास्ता ख़त्म हो जाता है
एक सवाल था तुझसे क्या तुझे सच मैं प्यार था मुझसे.
जिनसे दूर नहीं रह पाते, उन्हें से से दूर हो जाते हैं.
मत कर मोहबत तेरे बस की बात नही जो दर्द मेरे पास है, उस दर्द की दवा तेरे पास नही.
कहते है प्यार में लोग जान तक दे देते है, पर जो किसी को टाइम नहीं दे सकता वो जान क्या देगा.
"जब हम रिश्तो के लिए वक़्त नहीं निकाल पाते तो वक़्त हमारे बीच से रिश्तो को निकाल देता है."
तुमसे अच्छे मेरे दुश्मन निकले... हर बात पे कहते है 'तुझे नहीं छोड़ेगे'
कभी उसका दिल रखा कभी उसका दिल रखा, इस कश्मकश में भूल गए, खुद का दिल कहाँ रखा..
मै इस काबिल तो नहीं कि कोई अपने समझे, पर इतना यकीन है कोई अफसोस जरूर करेगा मुझे खो देने के बाद
इंसान अपने कर्म से बड़ा होता है, अपने जन्म से नहीं .
रिश्ते नाते सब मतलब के यार है, बस पैसा ही सबका सच्चा प्यार है.
लाख कसमे देदो किसी को मगर छोड़ने वाले छोड़ ही जाते है `
सबका दिल रखने में, अक्सर मेरा दिल टूट जाता है.
रुलाती है मगर रोने का नहीं.
वो कभी डरा ही नहीं मुझे खोने से, वो क्या अफसोस करेगा मेरे ना होने से
माफ़ी गलती की होती है,ज़िंदा लाश बनाने की नहीं
जो कदर नहीं करता उसके लिए तुम रोते हो , जो तुम्हरी कदर करता है तुम रुलाते हो
लोग हमेशा गलत इंसान से धोखा खाने के बाद अच्छे इंसान से बदला लेते हैं
जब ऑंसू गिरने बंद हो जाये तोह तकलीफ गुस्सा बन क बाहर अति है
कितनी आसानी से छोड़ दिया तुमने बात करना जैसे सदियो से बोझ थे हम तुम्हारे उपर.
जान ले लेता है वो एक छोटा सा पल भी, जब बेहिसाब प्यार के बाद वो कहे की हम कभी एक नहीं हो सकते..
बहुत तकलीफ होती है उस वक़्त जब तुम सब से बात करते हो सिर्फ मुझे छोड़ कर.
इतिहास गवाह है- 'खबर' हो या 'कबर' खोदते हमेशा अपने ही हैं|
ज़हर का भी अपना हिसाब है, मरने के लिए थोड़ा सा और जीने के लिए बहुत सारा पीना पड़ता है.!
एक दिमाग वाला दिल मुझे भी दे दे ख़ुदा , ये दिल वाला दिल सिर्फ़ तकलीफ़ ही देता हैं..
ज़िन्दगी ने तो एक बात सीखा दी की हम किसी के लिए हमेशा खास नहीं रह सकते
रोते हैं वो लोग जो मोहब्बत को दिल से निभाते हैं धोखा देने वाले तो दिल तोड़ कर अक्सर चैन से सो जाते हैं
किस हक़ से माँगहु अपने हिस्से का वक़त आपसे , क्यूंकि न आप मेरे हो और न ही वक़त मेरा है
अगर आंसुओं की कीमत होती तो कल रात वाला तकिया अरबों का होता
वो हर बात मुझसे छुपाने लगे हैं , वो मेरे हिस्से का वक़त किसी और के साथ बिताने लगे हैं