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अब डर सा लगने लगा है मुझे उस हर शख्स से जो कहता है मैं तुम्हे अकेला नहीं छोड़ूंगा
कुछ पल के लिए मुझे अपनी बाँहों में सुला दे अगर आँख खुली तो उठा देना और अगर न खुली तो दफना देना
कुछ तो है तुझसे मेरा रिश्ता वर्ण कोई गैर इतना भी याद नहीं आता
जब मिलो किसी से तो ज़रा दूर का रिश्ता रखना बहुत तड़पते हैं अक्सर सीने से लगने वाले
पता नहीं क्यों मोहब्बत उस शख्स से हो जाती है जिसे हमारी बिलकुल क़दर नहीं होती न हमारी मोहब्बत की न हमारे एहसास की
एक बात कहु जिनसे बात करने की आदत हो जाती है है ना , उनसे अगर एक दिन बात न हो तो दिल उदास हो जाता है
रिश्ते वेहम से भी ख़तम हो जाते हैं, अक्सर क़ुसूर हमेशा गलतियों का नहीं होता
जिंदगी बड़ी अजीब सी हो गयी है, जो मुसाफिर थे वो रास नहीं आये, जिन्हें चाहा वो साथ नहीं आये ..!!
जान तक देने की बात करते हैं यह लोग सच कहु तो दिल से दुआ भी नहीं करते
जिनके दिल बहुत अच्छे होते हैं न अक्सर उनकी किस्मत बहुत खराब होती है
तुमसे गुस्सा होकर भी तुम्हे ही ढूंढा करता हूँ
तमाशा बन गयी है ज़िन्दगी कुछ कहे तो भी बुरे और कुछ न कहे तो भी बुरे
तेरी कसम सिर्फ तेरे हैं हम
तू वही हैना जिसने पहले फसाया फिर हसाया और फिर अपना बनाकर खूब रुलाया
ये दिल भी उसी पे मरता है जो हमारी कदर नहीं करता
वो दूर होकर भी पास हैं हमारी नहीं है फिर भी ख़ास है
कोई अपना सा क्या लगा एक बार , किस्मत ने तो बुरा ही मान लिया
किसी के दिल का दर्द किसने देखा है , देखा है तो सिर्फ चेहरा देखा है , दर्द तो तन्हाई मे होता है , लेकिन इन तन्हाइयों मे लोगो ने हमे हसते हुए देखा है !
कभी कभी हम किसी के लिए उतना जरूरी भी नहीं होते जितना हम सोच लेते है .
किसी ने क्या खूब कहा है - अकड़ तो सब में होती है .. झुकता वही है जिसे रिश्तो की फ़िक्र होती है..
सिर्फ एक बहाने की तलाश होती है निभाने वाले को भी, और जाने वाले को भी
अपने रब के फैसले पर भला शक कैसे करुँ सजा दे रहा है अगर वो कुछ तो गुनाह रहा होगा..
अकेली रात .. बोलती बहुत है लेकिन सुन वही सकता है जो खुद भी अकेला हो .
बेहद हदे पार की थी हमने कभी किसी के लिए, आज उसी ने सिखा दिया हद में रहना...!!
पहले चुभा बहुत अब आदत सी हैं, ये दर्द पहले था अब इबादत सी हैं |
माना मौसम भी बदलते हैं मगर धीरे धीरे .. तेरे बदलने की रफ़्तार से तो हवाएं भी हैरान है .
गिरते हुए पत्त्तों ने मुझे यह समझाया हैं बोझ बन जाओ तो अपनो भी गिरा देते हैं .
रूठना तेरा लाज़मी था हर बार मनाने की आदत जो हमने डाली थी .
पसंद ना आए मेरा साथ तो बता देना महसूस भी नहीं कर पाओगे उतना दूर चले जाएंगे .
रिश्ते धीरे धीरे ही खत्म होते हैं बस पता अचानक सा चलता हैं .
नफरत मत करना हमसे , हमे बुरा लगेगा , बस प्यार से कह देना, अब तेरी जरूरत नहीं हैं .
शब्द केवल चुभते है, खमोशियाँ मार देती हैं.